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द गर्ल इन रूम 105–७२

चल रही थी।

"देख लो इन्हें, हरामखोर लोग हमारी आर्मी इनकी रक्षा करती है और ये उल्टे हमारे जवानों पर ही पत्थर बरसाते हैं और आतंकवादियों को अपने घरों में पनाह देते हैं।'

मैं टीवी के सामने जाकर खड़ा हो गया। मुझे कश्मीर समस्या के बारे में ज्यादा नहीं मालूम। लेकिन बात इतनी सरल भी नहीं है कि हम उन लोगों को अहसानफरामोश बोलें।' "तुम्हारा दिमाग बहक गया है।"

"पापा, जारा और में एक-दूसरे को प्यार करते हैं। ये किसी स्टुपिड पॉलिटिक्स से जुड़ा सवाल नहीं है।"

"प्यार" मां की चीख घर के अहातों में गूंज गई। 'तुम्हारे पापा सही कहते हैं। तुम्हें अपने दिमाग़ की जांच करा लेनी चाहिए।'

"नहीं, पापा, आप मुझसे बात करो। मुझे बताओ कि जारा में क्या कमी है।' मैं इस मामले में बात ही नहीं करना चाहता। उसको जल्दी से यहां से रवाना कर दो।"

'अगर ज़ारा राजस्थानी राजपूत होती, तब तो आपको कोई ऐतराज़ नहीं होता, है ना?"

अपने पापा से बहस मत करो नहीं तो तुम्हें एक और चपत लगेगा, मां ने कहा।

मैंने मां से मिन्नत करते हुए कहा, 'मां, प्लीज़ उसे उसके मज़हब से परे हटाकर देखिए।' "कैसे? क्या हमारे खानदान में से कोई भी ऐसा कर सकेगा? मुझे सच सच बताओ, लोग ऐसी शादी पर

क्या बोलेंगे?' 'तो क्या इतनी ही बात है कि वेडिंग सेरेमनी में क्या गॉसिप होगी?"

बात केवल इतनी नहीं है, ' मा कहा। बात ये है कि तुम अपने पापा की इज्जत नहीं करते और इससे

उन्हें तकलीफ हो रही है।'

मैंने सुना कि पापा सुबकने लगे हैं। जब पैरेंट्स इमोशनल ड्रामा करने पर आमादा होते हैं तो कुछ भी बाक़ी नहीं रहता। हर भारतीय घर में सुबकने वाले पापा और तमाचे जड़ने वाली मांएं बच्चों को उनके रास्ते पर लाने का तयशुदा ज़रिया होते हैं। 'अब ये क्या है पापा?'

"ये आरएसएस में हैं, मां ने कहा 'पहले ही इनकी शादी होने के कारण इनकी तरक्की नहीं हो पा रही है।

अब जाकर इन्हें एक प्रमुख पद मिलने का समय आया है।' "तो" "तुम एक मुसलमान लड़की से शादी कर लोगे तो लोग क्या बोलेंगे?"

"लेकिन इन दोनों बातों में क्या ताल्लुक है? आरएसएस तो एक सामाजिक संगठन है ना? भारतीय राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने वाला। वो लोग तो हमेशा यही बोलते रहते हैं।' "देखा, मैंने तुम्हें पहले ही बोल दिया था कि ये नहीं सुनेगा, पापा ने कहा 'ये उस टेररिस्ट से ही शादी

करेगा, मैंने कहा था।"

'टेररिस्ट?' मैं चिल्लाया। 'वो एक आईआईटी स्टूडेंट है।" "चुप रहो,' मां ने कहा बहुत हो गया। अच्छा मुर्ख बनाया तुमने मुझको तुम उस लड़की को आज रात ही यहां से जाने को बोल दो।"

'आज रात ही?"

"हां"

"इस समय तो दिल्ली तक ड्राइव करके जाना भी सेफ़ नहीं है।'

"तुम्हारे पापा आरएसएस वालों को बोलकर उसे छुड़वाने का बंदोबस्त करवा देंगे। क्यों करवा दोगे ना,

राजपुरोहित जी

मेरे पिता ने सिर हिला दिया 'और तुम उससे दूर ही रहो

।'

'लेकिन मां...' 'या फिर हमसे दूर रहो,' पापा

ने कहा।

*मां, ये गलत बात है। "अगर तुमने उससे शादी की तो मैं खुद को आग लगा लूंगी, मा ने कहा । 'राजपुरोहित जी, उसे दिल्ली

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